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गुरुग्राम2 मिनट पहले
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गुरुग्राम में रोहतक के लाठीचार्ज के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान ज्ञापन सौंपने को लेकर बहस पर उतरे पूर्व मंत्रियों कैटन अजय यादव और सुखबीर कटारिया को शांत करने की जुगत में पार्टी के दूसरे नेता-कार्यकर्ता।
हरियाणा कांग्रेस में अक्सर गुटबाजी की घटनाएं सामने आती रहती हैं। थोड़े ही दिन पहले पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाए गए डॉ. अशोक तंवर अपनी अलग पार्टी बना चुके हैं, वहीं बुधवार को फिर एक नया प्रकरण सामने आया है। आज गुरुग्राम में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व को कोसने के लिए इकट्ठा हुए राहुल ब्रिगेड के कई वरिष्ठ सिपाही आपस में ही तू-तू, मैं-मैं पर उतर आए। कांग्रेस के उत्तर हरियाणा के कैप्टन कहाने वाले कैप्टन अजय यादव और पूर्व मंत्री सुखबीर कटारिया के बीच छिड़ी जुबानी जंग कैमरे में भी कैद हो गई है।
दरअसल, बुधवार को गुरुग्राम में कांग्रेसी बीते दिनों रोहतक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कार्यक्रम के दौरान किसानों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव और पूर्व मंत्री सुखबीर कटारिया में कहासुनी हो गई। बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं में ज्ञापन सौंपने को लेकर तकरार हो गई। कैप्टन अजय यादव ने कहा था कि सचिवालय जाने से पहले सभी कार्यकर्ता कांग्रेस ऑफिस में मिलेंगे, लेकिन सुखबीर कटारिया कैप्टन की बात माने बिना ही सचिवालय पहुंच गए। इसी बात पर कैप्टन आग बबूला हो गए।
इस पर कैप्टन अजय यादव ने सुखबीर कटारिया से पूछा कि आपको पार्टी में कितने साल हो गए? इस पर सुखबीर ने कहा कि उन्हें 27 हो गए हैं। इस पर कैप्टन ने कहा कि वो राजनीति में 40 साल से हैं। इसके बाद कांग्रेस के दोनों पूर्व मंत्री कार्यकर्ताओं के सामने ही सरेआम लड़ने लग गए। बड़ी मुश्किल से दूसरे नेताओं ने बात संभाली। इस घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और लोग खासकर विरोधी पार्टियों के नेता-कार्यकर्ता खूब चुटकी ले रहे हैं।
नई नहीं है हरियाणा कांग्रेस की धड़ेबंदी
वैसे देखा जाए तो कांग्रेस में यह धड़ेबंदी आज की बात नहीं है। बरसों से प्रदेश के कांग्रेस नेतृत्व में कैप्टन अजय यादव, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, रणदीप सूरजेवाला के अपने धड़े हैं। सब अपनी-डफली लेकर अपना ही राग अलापते रहते हैं। इन्हीं में से एक धड़ा सिरसा के कद्दावर नेता डॉ. अशोक तंवर का भी था। वह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष होते हुए भी कई बार हुड्डा पर हमले का आरोप लगा चुके हैं। नतीजा यह हुआ कि अभी थोड़े ही दिन पहले तंवर ने दिल्ली से अपनी अलग पार्टी का ऐलान किया है।