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नई दिल्ली2 घंटे पहले
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दिल्ली में घटते मामलों के बाद यहां आरक्षित बेड की संख्या घटाकर 500 से कम कर दी गई थी, लेकिन बीते दिनों आरक्षित बेड की क्षमता को एक हजार कर दिया गया है।
- जिन्हें सर्जरी व अन्य की दी गई तारीख, उनके लिए होगी व्यवस्था
दिल्ली में एक बार फिर कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे है। बढ़ते मामलों को देखते हुए लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल (एलएनजेपी) को जल्द फिर से कोविड-19 स्पेशल अस्पताल बनाया जा सकता है। फिलहाल यहां 1 हजार बेड कोविड-19 के मरीजों के लिए आरक्षित किए गए हैं। अस्पताल सूत्रों का कहना है कि एलएनजेपी में बीते समय 2 हजार कोविड-19 बेड आरक्षित किए गए थे। उस समय यहां ओपीडी सहित सर्जरी सुविधाएं बंद कर दी गई थी। दिल्ली में घटते मामलों के बाद यहां आरक्षित बेड की संख्या घटाकर 500 से कम कर दी गई थी, लेकिन बीते दिनों आरक्षित बेड की क्षमता को एक हजार कर दिया गया है।
सूत्रों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग का निर्देश है कि दिल्ली में यदि मामले की संख्या तेजी से बढ़ते हैं तो 12 से 15 अप्रैल के बीच इस अस्पताल को पूरी तरह से कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित कर दिया जाएगा। ऐसे में जिन लोगों को सर्जरी सहित अन्य की तारीख दी गई हैं, उन्हें या तो रद्द कर दिया जाएगा या व्यवस्था कर अन्य जगहों पर सर्जरी करवाई जाएगी। सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में लोकनायक की ओपीडी में आने वाले मरीजों के लिए दिक्कत हो सकती है।
दिल्ली में तेजी से फैल रहा कोरोना
एलएनजेपी अस्पताल के निदेशक डॉ. सुरेश कुमार का कहना है कि कोरोना की यह लहर बहुत तेजी से फैल रही है। इसकी गति पहले से तेज है। पहले 60 साल से ऊपर के मरीज ज्यादा आ रहे थे। इस बार युवा, बच्चे और गर्भवती महिलाएं ज्यादा आ रहे हैं। उनका कहना है कि अस्पताल में बेड की क्षमता बढ़ाकर एक हजार कर दी गई है। आईसीयू बेड भी 200 बेड बढ़ाए गए हैं।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली के ओपीडी में उपचार के लिए आ रहे मरीजों की समस्या भी बढ़ गई है। एम्स के डॉ अमनदीप का कहना है कि दिल्ली एम्स में ओपीडी सेवाएं जारी रहेंगी, लेकिन ओपीडी सेवाओं के ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन को बंद किया गया है ताकि लाइन में लगे लोगों के द्वारा कोरोना ना फैले। ऑनलाइन सेवा जारी रहेंगी। वहीं मरीजों का कहना है कि ऑनलाइन तारीख ही नहीं मिलती। ऐसे में जो मरीज दूर दराज के क्षेत्र से उपचार के लिए आते हैं उन्हें महीनों इंतजार करना पड़ता है।