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हिसारएक घंटा पहले
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5 अप्रैल को लुवास में बहादुरगढ़ से उपचार के लिए आया खच्चर ग्लैंडर्स पाॅजिटिव पाया गया। इसके अलावा घाेड़ी और उसका बच्चा भी ग्लैंडर्स पाॅजीटिव की तरह की स्ट्रैंगल बीमारी से पीड़ित मिला है। रिपोर्ट पाॅजिटिव आने के बाद हिसार के अश्व अनुसंधान संस्थान के अधिकारियाें ने पशुपालन विभाग के अधिकारियाें काे भी इस संबंध में पत्र भेजा है। ग्लैंडर्स पाॅजिटिव खच्चर काे जल्द ही मारा जाएगा।
अश्व अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. हरि शंकर सिंघा ने बताया कि 5 अप्रैल काे लुवास के पशु अस्पताल में खच्चर, घाेड़ी और उसका बच्चा संदिग्ध मिले थे। लुवास के डाॅक्टराें काे आशंका थी कि तीनाें ग्लैंडर्स से पाॅजिटिव हाे सकते हैं। सूचना पाते ही अश्व अनुसंधान संस्थान से डाॅ. हरि शंकर लुवास पहुंचे थे तथा सैंपलिंग की थी।
डाॅ. हरि शंकर का कहना है कि जल्द ही पाॅजिटिव खच्चर काे मारा जाएगा। बहादुरगढ़ के पशुपालन विभाग के अधिकारियाें काे भी पत्र भेजा गया है। बताया कि घाेड़ी और उसका बच्चा स्ट्रैंगल बीमारी से ग्रसित है, जाे ग्लैंडर्स जैसी हाेती है मगर इसमें घाेड़े काे मारने की जरूरत नहीं पड़ती। इस बीमारी का उपचार किया जा सकता है।