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पानीपत9 मिनट पहले
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6 साल के बाद होने जा रहा है कांग्रेस में संगठनात्मक चुनाव
- मंथन – कांग्रेस जिला अध्यक्ष के लिए आज प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष के सामने तीन-तीन नाम खोलेंगे पर्यवेक्षक
6 साल के बाद कांग्रेस में संगठनात्मक चुनाव होने जा रहा है। इसी क्रम में कांग्रेस के शहरी और ग्रामीण जिला अध्यक्ष के लिए हरियाणा के प्रभारी विवेक बंसल और प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा के सामने पर्यवेक्षक दोनों एरिया से तीन-तीन नाम रखने जा रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक शहरी अध्यक्ष के लिए पंजाबी और बनिया समाज पर फोकस रहेगा। दोनों में से एक को प्रतिनिधित्व मिल सकता है। वहीं, ग्रामीण अध्यक्ष के लिए जाट और गुर्जर समीकरण देखा जा रहा है। दोनों में से एक को पद मिलेगा। सोमवार को दिल्ली स्थित 15 रकाबगंज कार्यालय में हरियाणा के 11 जिलों के पर्यवेक्षकों व सह-संयोजकों को बुलाया गया था।
आज शेष 11 जिलों के पर्यवेक्षक व सह-संयोजक मीटिंग में शामिल होंगे। इसमें पानीपत के पर्यवेक्षक सुभाष गांधी और सह-संयोजक संदीप राणा शामिल होंगे। इसके बाद हरियाणा के सीनियर नेताओं से भी प्रभारी व प्रदेश अध्यक्ष मंत्रणा करेंगे। फिर दोनों के लिए एक-एक नाम फाइनल करके सोनिया गांधी को सौंपा जाएगा। पर्यवेक्षक सुभाष गांधी ने कहा कि इस माह के अंतिम सप्ताह तक पानीपत को कांग्रेस अध्यक्ष मिल जाएंगे।
समीकरणों से समझें : शहर में पंजाबी समाज बनिया पर भारी
शहरी अध्यक्ष की बात आती है तो पंजाबी और बनिया समीकरण देखा जा रहा है। इसमें पंजाबी भारी है। इस तरह से बुल्ले शाह बड़े दावेदार हो सकते हैं। वैसे, संजय अग्रवाल, नरेश अत्री, शशि लूथरा, प्रेम सचदेवा व सुभाष बठला भी दावेदारी जता चुके हैं।
समीकरण इसलिए, क्योंकि पंजाबी बहुल शहर है। इसलिए पंजाबी को पद मिल सकता है। बनिया समाज पर इसलिए, क्योंकि भाजपा ने डॉ. अर्चना गुप्ता को जिलाध्यक्ष बना रखा है। दोनों में से किसी एक को पद मिलेगा।
समीकरणों से समझें : ग्रामीण क्षेत्र में गुर्जर पर जाट कैसे भारी
ग्रामीण अध्यक्ष की बात करें तो यहां गुर्जर और जाट समीकरण देखा जा रहा है। इसमें जाट भारी हैं। इस लिहाज से पूर्व मंत्री बिल्लू कादियान का दावा बड़ा माना जा रहा है। वैसे, विधायक धर्मसिंह छौक्कर के साथ ही धर्मपाल गुप्ता, खुशीराम जागलान, डॉ. कर्ण सिंह कादियान, महेंद्र कादियान, जगदेव मलिक, ओमवीर सिंह पंवार, बलबीर रावल और मोहकम छौक्कर भी दावेदारी जता चुके हैं।
समीकरण इसलिए, क्योंकि ग्रामीण एरिया जाट प्रभारी माना जाता है। हालांकि, यहां दूसरी जाति की संख्या ज्यादा है।